प्रश्न: एक मशीन टेक्निशियन का क्या काम होता है? उत्तर: मशीन टेक्निशियन का काम मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में मशीनों के सेटअप और मरम्मत को बनाए रखना और सुनिश्चित करना होता है। मशीनों की कार्यक्षमता में सुधार के लिए मशीनों का संचालन करना और खराबी की स्थिति में उन्हें ठीक करना उनकी जिम्मेदारी होती है। प्रश्न: मशीन टेक्निशियन बनने के लिए क्या योग्यताएँ होनी चाहिए? उत्तर: इस फील्ड में प्रवेश करने के लिए ITI डिप्लोमा या मशीन ऑपरेशन कौशल का ज्ञान होना आवश्यक है। मशीनों के संचालन से जुड़ी तकनीकी ट्रेनिंग और सुरक्षा के प्रति सजगता भी जरूरी है। प्रश्न: भारत में मशीन टेक्निशियन के लिए कौन-कौन से अवसर हैं? उत्तर: भारत में ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में कुशल टेक्निशियनों की मांग बहुत अधिक है। मशीनों के अनुकूलन और प्रोडक्शन सेटअप का हिस्सा बनने के लिए कई अवसर हैं। प्रश्न: विदेशों में मशीन टेक्निशियन के लिए अवसर कैसे हैं? उत्तर: जर्मनी, जापान और कनाडा जैसे देशों में मशीन टेक्निशियन का भविष्य उज्जवल है। वर्क वीज़ा प्राप्त कर मशीन ऑपरेशन और मेंटेनेंस में विशेषज्ञता हासिल की जा सकती
प्रश्न: एक वेल्डर का क्या काम होता है? उत्तर: वेल्डर का मुख्य कार्य धातु के टुकड़ों को जोड़ने, मरम्मत करने और अलग करने का होता है। वे विभिन्न वेल्डिंग तकनीकों का उपयोग करते हैं जैसे कि मिग (MIG) वेल्डिंग , टिग (TIG) वेल्डिंग , आर्क वेल्डिंग , और गैस वेल्डिंग । वेल्डर औद्योगिक संयंत्रों, निर्माण स्थलों, ऑटोमोबाइल उत्पादन इकाइयों, शिपबिल्डिंग, और पाइपलाइन जैसे क्षेत्रों में काम करते हैं। इनका काम धातु को गर्म करना, उसे जोड़ना और फिर ठंडा करके उसे मजबूत बनाना है। प्रश्न: वेल्डर बनने के लिए क्या योग्यताएँ होनी चाहिए? उत्तर: वेल्डर बनने के लिए 10वीं पास और ITI (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) से वेल्डिंग में डिप्लोमा करना महत्वपूर्ण है। वेल्डिंग के लिए सुरक्षा नियमों का पालन करना, हाथ-आंख का समन्वय और कुशलता से वेल्डिंग मशीनों का संचालन करना आवश्यक होता है। व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों में विभिन्न वेल्डिंग तकनीकों को सिखाया जाता है। प्रश्न: भारत में वेल्डर के लिए कौन-कौन से अवसर हैं? उत्तर: भारत में वेल्डरों की मांग विभिन्न उद्योगों में है, जैसे ऑटोमोबाइल, मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक