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Plumber: What is this ? Is there any course about?

  प्रश्न: एक प्लंबर का क्या काम होता है? उत्तर: प्लंबर का काम जल वितरण और सीवेज सिस्टम से जुड़ा होता है। प्लंबर पाइपलाइन, फिटिंग्स, और वाल्व्स को स्थापित, मरम्मत, और रखरखाव का काम करते हैं। वे घरों, व्यवसायों, और औद्योगिक स्थानों में पानी की आपूर्ति और ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत करते हैं, और इनके काम में टॉयलेट, सिंक, और अन्य उपकरणों की फिटिंग भी शामिल होती है। प्रश्न: प्लंबर बनने के लिए क्या योग्यताएँ होनी चाहिए? उत्तर: प्लंबर बनने के लिए 10वीं पास होना जरूरी होता है। इसके बाद, ITI (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) से प्लंबिंग ट्रेड में डिप्लोमा करना फायदेमंद होता है। कुछ प्लंबर अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करते हैं। इसके साथ-साथ, सुरक्षा मानकों की जानकारी भी आवश्यक होती है। प्रश्न: भारत में प्लंबर के लिए कौन-कौन से अवसर हैं? उत्तर: भारत में प्लंबर की मांग आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों में होती है। रियल एस्टेट, होटल, और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में प्लंबर की जरूरत होती है। ITI कोर्स करने के बाद, प्लंबर के रूप में नौकरी पाना आसान हो ज...

What Qualifications Are Needed to Become a Fitter?

  प्रश्न: एक फिटर का क्या काम होता है? उत्तर: फिटर एक कुशल ट्रेड्सपर्सन होता है, जो मशीनरी, पाइप्स, और अन्य यांत्रिक उपकरणों के इंस्टॉलेशन, असेंबलिंग और मरम्मत का काम करता है। फिटर्स विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में जैसे मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, और कंस्ट्रक्शन में काम करते हैं। उनके काम में मशीनी पार्ट्स को फिट करना और सिस्टम्स की कार्यक्षमता सुनिश्चित करना शामिल होता है। प्रश्न: फिटर बनने के लिए क्या योग्यताएँ होनी चाहिए? उत्तर: फिटर बनने के लिए 10वीं पास होना आवश्यक है। इसके बाद, ITI (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) से फिटर ट्रेड में डिप्लोमा करना अनिवार्य होता है। इसके अलावा, व्यावहारिक अनुभव और सुरक्षा नियमों का पालन जरूरी होता है, जो कार्यस्थल पर ट्रेनिंग के दौरान सिखाया जाता है। प्रश्न: भारत में फिटर के लिए कौन-कौन से अवसर हैं? उत्तर: भारत में फिटर के लिए ऑटोमोबाइल, निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग, और शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री में ढेरों अवसर होते हैं। यह पेशा अधिकतर फैक्ट्रियों और औद्योगिक इकाइयों में होता है। कई कंपनियां अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम के माध्यम से फिटर की भर्ती करती हैं।...

How to become हेल्पर / असिस्टेंट (Helper / Assistant) or कंस्ट्रक्शन वर्कर (Construction Worker) in construction company ?

  प्रश्न: हेल्पर का क्या काम होता है? उत्तर: हेल्पर विभिन्न उद्योगों, जैसे कंस्ट्रक्शन, मैन्युफैक्चरिंग, और वर्कशॉप्स में मजदूरी या सहायक कार्य करता है। उनका काम सामग्री लाना, उपकरणों की व्यवस्था करना, और श्रमिकों या कर्मचारियों की सहायता करना होता है। प्रश्न: हेल्पर बनने के लिए क्या योग्यताएँ चाहिए? उत्तर: 10वीं पास होना जरूरी है, और काम के हिसाब से ट्रेनिंग दी जाती है। शारीरिक फिटनेस और हाथों से काम करने की क्षमता होनी चाहिए। प्रश्न: विदेशों में हेल्पर के लिए अवसर कैसे हैं? उत्तर: मिडिल ईस्ट, सिंगापुर, और मलेशिया में निर्माण और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों में हेल्पर की काफी मांग होती है। कंपनियां अक्सर वर्क वीज़ा प्रोसेस में सहायता करती हैं। प्रश्न: हेल्पर की कमाई कितनी हो सकती है? उत्तर: भारत में हेल्पर की मासिक कमाई 10,000 से 18,000 रुपये हो सकती है। विदेशों में यह ₹30,000 से ₹50,000 मासिक तक जा सकती है, खासकर मिडिल ईस्ट देशों में। प्रश्न: कंस्ट्रक्शन वर्कर का क्या काम होता है? उत्तर: कंस्ट्रक्शन वर्कर इमारतों और अन्य संरचनाओं के निर्माण, मरम्मत, और रखरखाव का काम करता है। उन...

मैन्युफैक्चरिंग असिस्टेंट : वह सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं

  प्रश्न: मैन्युफैक्चरिंग असिस्टेंट का क्या काम होता है? उत्तर: मैन्युफैक्चरिंग असिस्टेंट फैक्ट्रियों और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में उत्पादन प्रक्रियाओं में मदद करते हैं। उनका काम मशीनों का संचालन करना, उत्पाद की गुणवत्ता की जांच करना, और उत्पादन लाइन की देखरेख करना होता है। प्रश्न: मैन्युफैक्चरिंग असिस्टेंट बनने के लिए क्या योग्यताएँ चाहिए? उत्तर: 10वीं पास होना आवश्यक है। यदि आपने ITI या तकनीकी कोर्स किया है, तो यह आपके लिए अतिरिक्त लाभदायक हो सकता है। मशीन ऑपरेशन और सुरक्षा प्रक्रियाओं की समझ होना जरूरी है। प्रश्न: मैन्युफैक्चरिंग असिस्टेंट के लिए अवसर कैसे हैं? उत्तर: मेट्रो शहरों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, जैसे ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में बड़े पैमाने पर अवसर हैं। उत्पादन और संचालन से जुड़े कई पद मैन्युफैक्चरिंग असिस्टेंट के लिए उपलब्ध होते हैं। प्रश्न: मैन्युफैक्चरिंग असिस्टेंट की कमाई कितनी हो सकती है? उत्तर: शुरुआती स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग असिस्टेंट की मासिक कमाई 15,000 से 25,000 रुपये तक हो सकती है। अनुभव और कौशल के साथ यह वेतन 30,000 रुपये स...

Career in Mathematics::After 10th

Introduction Mathematics is as old as  civilization  itself and is one of the most useful and fascinating branches of human knowledge. It encompasses many topics of study and as such it is difficult to define the term “mathematics” which comes from a Greek word meaning “inclined to learn”. It may, however, be broadly defined as the scientific study of quantities, including their relationships, operations and measurements expressed by numbers and symbols. In simple words, mathematics deals with study of numbers and their various calculations. The most important skills in mathematics are careful analysis and reasoning, and thus logic is the floor on which the structure of mathematics is built. The Importance of Mathematics: Mathematics is used by all individuals in everyday life. In science, mathematics is an essential tool for nearly all scientific studies. Scientists use in it designing experiments, analysing data, expressing precisely their findings by ma...

Career in Medicine :After 10+2 (Medical)

Medicine is one of the most sort out and rewarding career for those interested in Science and dealing with sick people. Over the years, the field of medical studies have undergone various stages of development, it has become so vast that specialisations within are increasing day by day. There is great scope for medicine as a professional career.  A doctor's profession involves a lot of hard work and at the same time, it gives the satisfaction of curing patients at times even saving lives. It is a very demanding profession. To be in this profession is more a responsibility than a privilege. It is more of what you can give the community than what you can get from it. The increasing complicated lifestyles giving birth to a variety of ailments have made it impossible for General Physicians with an MBBS degree to handle all ailments. It is here that specialisation in a particular...