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How to Choose Between BAMS and BHMS for Your Career



Q1: बीएएमएस और बीएचएमएस क्या हैं, और इन दोनों में क्या अंतर है?

उत्तर: बीएएमएस (Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery) एक आयुर्वेद पर आधारित डिग्री है। इसमें जड़ी-बूटियों, योग, और प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा उपचार किया जाता है। बीएचएमएस (Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery) होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति पर आधारित है, जिसमें छोटी खुराक से इलाज किया जाता है। यह "समरूप द्वारा उपचार" के सिद्धांत पर आधारित है। 

दोनों डिग्रियां भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं, और आप अपने संबंधित क्षेत्र में डॉक्टर बन सकते हैं।

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Q2: बीएएमएस और बीएचएमएस के लिए योग्यता क्या है?

उत्तर: बीएएमएस के लिए योग्यता:

1. 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी विषय होने चाहिए।

2. NEET परीक्षा पास करना जरूरी है।

3. सामान्यत: 50% या उससे अधिक अंक 12वीं में होना चाहिए।


बीएचएमएस के लिए योग्यता:

1. 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी विषय होने चाहिए।

2. प्रवेश NEET के आधार पर होता है।

3. न्यूनतम 50% अंकों की आवश्यकता होती है।

दोनों कोर्सों की अवधि 5.5 साल होती है, जिसमें एक साल की इंटर्नशिप शामिल होती है।

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Q3: बीएएमएस और बीएचएमएस में पढ़ाए जाने वाले मुख्य विषय क्या हैं?

उत्तर: बीएएमएस: आयुर्वेद तीन दोषों (वात, पित्त, कफ) के संतुलन पर आधारित है। इसके मुख्य विषय हैं:

द्रव्यगुण विज्ञान (औषधीय पौधों के गुण)

संहिता और सिद्धांत (आयुर्वेद के सिद्धांत)

रसशास्त्र (खनिज और धातु आधारित औषधियाँ)

पंचकर्म (शरीर का शुद्धिकरण)


बीएचएमएस: होम्योपैथी समान लक्षणों के उपचार पर आधारित है। इसके मुख्य विषय हैं:

मैटेरिया मेडिका (होम्योपैथिक औषधियों का अध्ययन)

और्गेनन ऑफ मेडिसिन (होम्योपैथिक सिद्धांत)

होम्योपैथिक रिपर्टरी (निदान और चिकित्सा प्रबंधन)


दोनों कोर्सों में आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ संबंधित चिकित्सा पद्धतियों को पढ़ाया जाता है।

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Q4: बीएएमएस और बीएचएमएस के बाद करियर विकल्प क्या हैं?

उत्तर: बीएएमएस के बाद करियर:

1. आयुर्वेदिक डॉक्टर: सरकारी अस्पतालों में नौकरी या निजी प्रैक्टिस।

2. प्रोफेसर: आयुर्वेदिक कॉलेजों में अध्यापन।

3. मेडिकल ऑफिसर: सरकारी स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी।

4. अनुसंधानकर्ता: आयुर्वेदिक औषधियों पर अनुसंधान।


बीएचएमएस के बाद करियर:

1. होम्योपैथिक डॉक्टर: निजी क्लिनिक या सरकारी अस्पतालों में नौकरी।

2. शिक्षक: होम्योपैथिक कॉलेजों में।

3. अनुसंधानकर्ता: होम्योपैथिक औषधियों पर अनुसंधान।

4. कंसल्टेंट: वेलनेस सेंटर्स या होलिस्टिक हेल्थ क्लिनिक्स में।


दोनों क्षेत्रों में सरकारी और निजी क्षेत्रों में करियर विकल्प उपलब्ध हैं।

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Q5: बीएएमएस और बीएचएमएस ग्रेजुएट्स की सैलरी कितनी होती है?

उत्तर: बीएएमएस डॉक्टरों की प्रारंभिक सैलरी ₹30,000 से ₹50,000 प्रतिमाह हो सकती है। अनुभव और सफलता के साथ यह सैलरी ₹1,00,000 से अधिक हो सकती है। वैश्विक स्तर पर भी आयुर्वेद के लिए मांग बढ़ रही है।

बीएचएमएस डॉक्टरों की प्रारंभिक सैलरी ₹25,000 से ₹40,000 प्रतिमाह होती है। अनुभव और एक सफल प्रैक्टिस के साथ, यह ₹80,000 तक पहुँच सकती है। कई डॉक्टर एडवांस कोर्स करके अपनी सैलरी बढ़ाते हैं।

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Q6: बीएएमएस और बीएचएमएस के भविष्य के अवसर क्या हैं?

उत्तर: बीएएमएस का भविष्य: आयुर्वेद की लोकप्रियता बढ़ रही है। सरकार भी आयुर्वेद को बढ़ावा दे रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवा, अनुसंधान और शिक्षा में नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। पंचकर्म और कायचिकित्सा में विशेषज्ञता हासिल कर छात्र अपनी संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।

बीएचएमएस का भविष्य: होम्योपैथी का उपयोग खासकर दीर्घकालिक रोगों के लिए बढ़ रहा है। होम्योपैथी डॉक्टरों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। होम्योपैथी में विशेषज्ञता प्राप्त करने के अलावा, काउंसलिंग और न्यूट्रिशन में डिप्लोमा भी करियर में सहायक हो सकते हैं।

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Q7: बीएएमएस या बीएचएमएस में से कौन सा कोर्स बेहतर है?

उत्तर: यह पूरी तरह से आपकी रुचि और करियर लक्ष्य पर निर्भर करता है। यदि आप प्राकृतिक चिकित्सा, जड़ी-बूटियों और योग में रुचि रखते हैं, तो बीएएमएस आपके लिए बेहतर हो सकता है। यदि आप कम खुराक के माध्यम से रोगों का इलाज करना चाहते हैं और होम्योपैथी में विश्वास रखते हैं, तो बीएचएमएस आपके लिए उपयुक्त रहेगा। दोनों में करियर की संभावनाएं अच्छी हैं।

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Q8: बीएएमएस और बीएचएमएस के बाद उच्च शिक्षा के विकल्प क्या हैं?

उत्तर: बीएएमएस के बाद:

1. एमडी (आयुर्वेद): पंचकर्म, कायचिकित्सा जैसे विषयों में विशेषज्ञता।

2. एमएससी (क्लिनिकल रिसर्च): आयुर्वेदिक दवाओं पर अनुसंधान।

3. एमबीए (हेल्थकेयर मैनेजमेंट): स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन में करियर।

बीएचएमएस के बाद:

1. एमडी (होम्योपैथी): होम्योपैथिक रिपर्टरी या मटेरिया मेडिका में विशेषज्ञता।

2. एमएससी (क्लिनिकल रिसर्च): फार्मास्युटिकल्स में अनुसंधान।

3. डिप्लोमा कोर्सेज: काउंसलिंग, न्यूट्रिशन, और वैकल्पिक चिकित्सा।


उच्च शिक्षा आपको टीचिंग, रिसर्च और एडमिनिस्ट्रेशन जैसे उन्नत करियर विकल्पों के लिए तैयार करती है।

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बीएएमएस और बीएचएमएस दोनों ही वैकल्पिक चिकित्सा के क्षेत्र में शानदार करियर विकल्प प्रदान करते हैं। क्लिनिकल प्रैक्टिस, शिक्षा, अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन में अवसरों के साथ, ये डिग्रियां स्वास्थ्य क्षेत्र में अपना करियर बनाने का एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं।


1. How to Choose Between BAMS and BHMS for Your Career  
2. How to Build a Career in Alternative Medicine with BAMS  
3. How to Leverage BHMS for Success in Healthcare Management  
4. How to Pursue Clinical Practice with a BAMS Degree  
5. How to Navigate Education and Research in Alternative Medicine  
1. 5 Career Paths with a BAMS Degree in Alternative Medicine  
2. 7 Reasons to Consider a BHMS Degree for Your Future  
3. 10 Benefits of Studying BAMS for Healthcare Professionals  
4. 6 Key Skills Gained from a BHMS Program  
5. 8 Opportunities in Healthcare Management with BAMS  
1. What Are the Career Options Available with BIMS?  
2. How Does BHMS Prepare Students for Clinical Practice?  
3. What Is the Role of Research in BIMS and BHMS Programs?  
4. Why Choose a Career in Alternative Medicine?  
5. How Do BIMS and BHMS Compare in Terms of Career Prospects?  
1. Exploring the Future of Alternative Medicine Careers  
2. The Impact of BAMS and BHMS on Healthcare Innovation  
3. A Comprehensive Guide to Alternative Medical Degrees  
4. The Evolution of Careers in Alternative Medicine  
5. Understanding the Value of BAMS and BHMS in Healthcare  

यह लेख छात्रों को बीएएमएस और बीएचएमएस के करियर विकल्प, योग्यता और सैलरी के बारे में विस्तृत जानकारी देता है, ताकि वे सही चुनाव कर सकें।

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